सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा
हम बुलबुलें हैं इसके ये गुलिस्तां हमारा
ग़ुर्बत में हों अगर हम, रहता है दिल वतन में
समझो वहीं हमें भी दिल है जहाँ हमारा
परबत वह सबसे ऊँचा, हमसाया आसमाँ का
वह संतरी हमारा, वह पासबाँ हमारा
गोदी में खेलती हैं इसकी हज़ारों नदियाँ
गुल्शन है जिनके दम से रश्क-ए-जनाँ हमारा
मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
हिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दोस्तां हमारा
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी
सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-ज़माँ हमारा
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा
हम बुलबुलें हैं इसके ये गुलिस्तां हमारा
